खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में करोड़ों का व्यवसाय

जोधपुर। काजरी में आईसीएआर द्वारा प्रायोजित शुष्क क्षेत्र के किसानों की आर्थिक सुरक्षा के लिए कटाई-उपरान्त प्रौद्योगिकी प्रबंधन विषय पर दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन अटारीजोधपुर के निदेशक डॉ. एसके सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि कटाई उपरान्त प्रसंस्करण भविष्य में कृषि से अधिक आय प्राप्त करने तथा खाद्य एवं आर्थिक सुरक्षा हेतु बहुत आवश्यक है। कृषि शोध उपलब्धियों से फल, सब्जी, अनाज आदि का उत्पादन बढा है। कृषि उत्पादन का भरपूर लाभ किसान को मिले इसके लिए आवश्यक है कि उसमें मूल्य संवद्र्धन कर अच्छी मार्केटिंग की जाय। तकनीकी हस्तांतरण के लिए देश में 720 कृषि विज्ञान केन्द्र कार्य रहे है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं काजरी निदेशक डॉ. ओपी यादव ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण देश में अत्यंत तेजी से उभरता हुआ क्षेत्र है तथा इस दिशा में विकास की असीमित संभावनाएं हैं। अनाज, दलहन, फलोत्पादन, दूध मछली आदि क्षेत्रों में अच्छा उत्पादन हो रहा है। खाद्य प्रसंस्करण की सरल अंत:क्षेप तकनीक द्वारा सब्जियों एवं फलों की क्षति को बचाया जा सकता है। इससे देश में रोजगार के अवसर बढेंगें। देश में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में करोड़ों का व्यवसाय हो रहा है। भारत सरकार द्वारा खाद्य प्रसंस्करण के अनेक कार्यकम चलाये जा रहे है तथा देश में मेगा फूड प्लान्ट लगाने की योजना है वर्तमान में देश में 17 मेगा फूड प्लान्टस है। उन्होंने कहा कि उत्पादन का पूरा उपयोग होकिसानों की आय बढेरोजगार के अवसर बढेमार्केट डेवलप हो इसके लिए प्रसंस्करण बहुत जरूरी है। उपभोक्ताओं की भोजन में विविधता की बहुत मांग है।
पाठ्यक्रम निदेशक एवं विभागध्यक्ष डा. दिलिप जैन ने अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। प्रशिक्षण समन्वयक डा. सोमा श्रीवास्तव ने पाठयक्रम के बारे में जानकारी दी। वैज्ञानिक डा.एस.एम. मंसूरी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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