भक्ति बिना पटरी पर नहीं चल सकता मनुष्य जीवन: सुनील महाराज
जोधपुर। श्रीमती राम कंवरी कच्छवाह पत्नी स्व. जेठूराम कच्छवाह धर्माथ सेवा संस्थान, श्री सालासर बालाजी प्रचार एवं सेवा समिति, किसान नर्सरी कच्छवाह परिवार के संयुक्त तत्वावधान में रॉयल्टी नाका के पास प्रतापनगर में चल रही भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अन्तिम दिन सुन्दरकाण्ड पाठ का आयोजन किया गया। इस दौरान राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान की झांकी सजाई गई। आयोजक प्रभुलाल कच्छवाह ने बताया कि सात दिनों से चली आ रही भागवत कथा पूर्णाहुति के साथ सम्पन्न हुई। कथा वाचक सुनील महाराज ने कहा कि दुष्ट व्यक्ति दूसरे के दु:ख से कभी परेशान नहीं होता बल्कि दूसरे के सुख से परेशान होता है। पुरूषार्थ से ही श्रेष्ठ भाग्य का निर्माण होना संभव है लेकिन इसके लिए नि:स्वार्थ भाव से कार्य करते रहना चाहिए। वर्तमान में किए जाने वाला पुरूषार्थ ही हमारे अगले जीवन के अच्छे भाग्य का निर्माण करते हैं। उन्होंने कहा कि भागवत कथा से जीवन को नई दिशा मिलती है। भगवान कृष्ण के उपदेश हमें धर्मानुकूल आचरण के साथ जीवन जीने की कला सिखाते हैं। आचार्य ने कहा कि जब भी मौका मिले समय निकाल कर सत्संग का लाभ उठाते रहना चाहिए। सत्संग यानि कि संतों की संगति से ही लोगों का जीवन बदलेगा। इसी से उनका कल्याण हो जाएगा। सुनील महाराज ने कहा कि संसार सागर में भक्ति एक नौका की तरह है। नौका के बिना भव सागर से पार नहीं उतरा जा सकता है। उसी तरह भक्ति के बिना मनुष्य जीवन पटरी पर नहीं चल सकता है। ईश्वर भक्ति का मार्ग अपना कर मनुष्य को मोक्ष का मार्ग पर चलना चाहिए। कथा के समापन पर आयोजित भंडारे में साधु-संतों व अनेक धर्मप्रेमियों ने प्रसाद ग्रहण किया। सुनील महाराज ने अन्तिम दिन संक्षित में नैनी बाई के मायरे की कथा का वाचन किया।