किसानों ने पांच करोड़ प्रीमियम दिया, क्लेम मिला ना पैसा वापस

बीकानेर। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना  की प्रक्रिया में खामियों का खमियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। किसानों के बैंक खातों से करोड़ों रुपए प्रीमियम के निकाल कर बैंकों ने केन्द्रीयकृत पोर्टल पर बीमा के लिए सूचना अपलोड नहीं की। इससे किसान प्रीमियम देने के बावजूद फसल बीमा और क्लेम से वंचित रह गए। अब प्रीमियम की काटी गई राशि भी बैंक और बीमा कम्पनी वापस किसानों को नहीं दे रहे हैं। मामला बीकानेर जिले के किसानों की वर्ष 2018-19 की खरीफ और रबी फसल का है। बैंकों ने किसानों के खातों से फसल बीमा की प्रीमियम राशि काट ली, लेकिन प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पोर्टल पर तय तारीख तक सूचना अपलोड नहीं की। बैंकों ने प्रीमियम की राशि बीमा कम्पनियों के खातों में डाल दी। एेसे में किसानों के प्रीमियम के 7.14 करोड़ रुपए का बीमा नहीं हुआ। कृषि आयुक्त ने पोर्टल पुन: खोलने का आग्रह किया तो 16 से 28 दिसम्बर, 2019 तक केन्द्र सरकार का राष्ट्रीय पोर्टल पुन: खोला गया। बैंकों ने फिर लापरवाही की और 5.05 करोड़ रुपए प्रीमियम राशि की सूचना पोर्टल पर अपलोड नहीं की। किसानों को 5.05 करोड़ की चपत हजारों किसानों की फसल के प्रीमियम के काटे गए 5.05 करोड़ रुपए बीमा कम्पनी के पास चले गए, लेकिन फसल का बीमा ही नहीं हुआ। एेसे में 2018-19 की फसल खराबे का किसानों को क्लेम ही नहीं मिला। क्लेम के नुकसान के बाद अब किसानों को उनके खातों से काटे रुपए भी वापस नहीं किए गए हैं, जबकि एक साल से अधिक समय बीत चुका है। 17 गांव पोर्टल से ही गायब बीकानेर जिले के 17 गांव तो प्रधानमंत्री फसल बीमा पोर्टल पर दर्ज ही नहीं है। इन गांवों के किसानों की फसल के बीमा प्रीमियम की राशि बैंक काट रहे हैं, लेकिन सूचना पोर्टल पर अपलोड नहीं होने से किसानों की फसल का बीमा हो रहा है ना क्लेम मिल रहा है। वापस दिलाएंगे प्रीमियम फसल बीमा (खरीफ-२०१९) के 5.05 करोड़ रुपए की प्रीमियम राशि को बैंकों ने राष्ट्रीय पोर्टल पर अपलोड नहीं किया था। इसके लिए विभाग ने लगातार प्रयास किए। अब बीमा कम्पनी से बात की है। वह प्रीमियम राशि वापस बैंकों को भेजेगी। बैंकों ने जिन खातों से पैसे काटे थे, उनमे वापस जमा करेंगे। जो १७ गांव पोर्टल पर नहीं हैं, उन्हें पोर्टल में जोडऩे का प्रस्ताव कृषि आयुक्त के माध्यम से भेजा जा चुका है।

 

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