गीता धाम में 33 वां अंतराष्ट्रीय गीता सम्मलेन का सुभारम्भ गुरु हरिहर महाराज का 122 वॉ जन्मोत्सव कार्यक्रम शुरू
जोधपुर। भगवत गीता में भगवान कहते है कि मनुष्य अपना उद्धार करने में स्वयं सक्षम है इसलिए मनुष्य को अपने आपको ही उपदेश देने ओर अपने आपको ही समझाने की जरूरत है ये विचार गीता धाम तिंवरी में आयोजित 33 वे अंतराष्ट्रीय गीता सम्मलेन में गुरु माँ गीतेश्वरी ने व्यक्त किये।गीता धाम संस्थापक सन्त हरिहर महाराज के 122 वे जन्मोत्सव के अवसर पर तीन दिवसीय जन्मोत्सव का शुभारंभ शनिवार को हुआ।सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि सन्त प्रकाशानंद महाराज ने बताया कि मनुष्य में एक ऐसी विचार शक्ति है,विवेक है,जिसे काम लेकर वह तीनों योग में से किसी मे स्थित होकर अपना उद्धार कर सकता है। प्रोफेसर अवस्थी ने गीता के छठे अध्याय के पांचवे श्लोक की व्यख्या करते हुए कहा कि वर्तमान समय मे मनुष्य को स्वयं की पचनाने की जरूरत है जिससे वह समझते हुए स्वयं के जीवन के उद्देश्यों को पूरा कर सके। सम्मेलन के शुभारंभ से पूर्व गीता धाम ट्रस्ट अध्यक्ष रमण टोग्नेटो ने देश-विदेश से पधारे सभी गीता भक्तो का स्वागत करते हुए कहा कि गुरु हरिहर महाराज की पावन भूमि पर पधारे सभी गीता भक्त गुरु के विचारों को विश्व के कोने कोने तक पहुचाने वाले गीता दूत है। टोग्नेटो ने कोरोना वायरस के भय के चलते सभी गीता भक्तो की सावधानी ओर सतकर्ता का संदेश दिया वही होली पर्व को बहुत ही सादगी से मनाने का आह्वान किया। गीता धाम ट्रस्टी यू प्रसाद ने सभी गीता भक्तो को गुरु महाराज के बताए मार्ग पर चलते हुए आने वाली भावी पीढ़ी को गीता ज्ञान की आवश्यकता बताई। गीता धाम तिंवरी प्रसासक निरंजन कुमार ने बताया कि तीन दिवसीय गीता सम्मेलन में विदेशी मेहमानों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई है। कार्यक्रम के सफल आयोजन में ट्रस्ट के सदस्यों,उप प्रसासक कमल सोनी,विधालय प्रधानाचार्या विजयशीला सिंह,उप प्रधानाचार्य सुनीलदत्त बिस्सा सहित अनेक गीता भक्तो का अहम सहयोग है।