उम्र के अनुसार ऐसी होनी चाहिए डाइट
इस उम्र में बच्चों को केला, अंगूर, पपीता आदि मैश कर खिलाएं। दाल का पानी, सब्जियां डालकर नमकीन भी बनाया जा सकता है।
फायदे : संपूर्ण आहार का काम करेगा। टॉफी, सॉफ्ट पैक्ड चीजों को खाने से बचेंगे।
6-10 साल
इस उम्र में बच्चियों का ब्रेड, बिस्किट व इंस्टंट फूड खिलाने से बचें। दलिया, खिचड़ी, स्टफ्ड परांठा, पालक, कम तीखी सब्जियां, खीर आदि दे सकते हैं।
फायदे : पौष्टिक व संतुलित आहार से बच्ची का उचित विकास होगा।
11-25 साल
किशोरावस्था से ही पीरियड शुरू हो जाता है। इसलिए आहार में आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन रिच फूड शामिल करें। इससे हार्मोंस, एंजाइम्स बनते हैं जो उनके विकास के लिए जरूरी होते हैं।
फायदे : भविष्य में हार्मोंस संबंधी समस्याओं व मोटापे से बचाव होगा।
26-40 साल
शादी, मां बनना जैसे तमाम शारीरिक व मानसिक बदलाव होते हैं। शादी व जॉब के चलते कई बार शहर बदलना पड़ता है। डाइट एक्सपर्ट से पौष्टिक, संतुलित आहार लें।
फायदे : एसिडिटी, अपच और वजन बढऩे जैसी दिक्कतें नहीं होंगी।
41-60 साल
मेनोपॉज शुरू होता है। इससे शरीर में में कई बदलाव होते हैं। इसलिए कैल्शियम, आयरन व एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर डाइट लें और नियमित एक्सरसाइज करें।
फायदे : इससे आप जोड़ों के दर्द, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से बचेंगी।