सोजत में शीतला सप्तमी मेले में हजारों श्रद्धालुओं ने लिया मेले का आनंद, गैरों के साथ उड़ा गुलाल

अधिस्वीकृत पत्रकार गुलाम मोहम्मद, सम्पादक, सेवा भारती, जोधपुर
आमीर खान सोलंकी, पत्रकार, सोजत, मो. 9667354927

सोजत। सोजत में शीतला सप्तमी का मेला उत्साह उमंग के साथ भरा गया। शहर और आसपास के गांवों से हजारों लोगों ने मेले में हिस्सा लिया। सुबह से ही बड़ी संख्या में महिलाएं शीतला माता मंदिर पहुंचीं और ठंडे भोग का आयोजन किया। शहर के विभिन्न घरों में ठंडा भोजन की प्रसाद के रूप में लिया। मुख्य बाजार में ज्यादातर दुकानें आज बंद नजर आई।
दोपहर 2 बजे से विभिन्न समाजों की गैरें चंग और ढोल की थाप पर नाचती-गाती मेले में पहुंचीं। गैरों के साथ चल रहे चौधरियों ने जमकर गुलाल उड़ाई। बीच रास्ते में भी जगह-जगह गैरों का स्वागत किया गया।
नगरपालिका की ओर से चेयरमैन प्रतिनिधि जुगलकिशोर निकुंम, भाजपा जिला उपाध्यक्ष राजेश तंवर, पार्षद राकेश पंवार, राजेंद्र परिहार, ओमप्रकाश सिंघाडिय़ां, तरुण सोलंकी, ऐश्वर्या सांखला, अनीता राठौड़ भाजपा नेता सोहन मेवाड़ा, अधिशासी अधिकारी पुरुषोत्तम पंवार, नगरपालिका के जगदीश लाल सोलंकी सहित अन्य पदाधिकारियों ने गैरों का स्वागत किया। उन्हें गुड़ की भेली और ध्वज प्रदान किए गए। मेले में लगातार लोगों की संख्या बढ़ती गई। शाम होते ही आसपास के गांव के लोग खूब मेले में पहुंचे।
मेले में बच्चों ने डांसिंग और कार के झूलों का आनंद लिया। लोगों ने खान-पान की विभिन्न वस्तुओं का लुत्फ उठाया। वही नागरिक अपने पूरे परिवार के साथ मेले में झूलो के साथ खाने पीने की वस्तुएं और आइसक्रीम का लुफ्त उठाते दिखे। गर्मी को देखते हुए आइसक्रीम और शीतल पर पदार्थ की दुकानों पर खूब भीड़ नजर आई। वही मिट्टी के बर्तन और घर गृहस्थी के सामान की दुकानों पर महिलाओं की भीड़ देखने को मिली।खिलोनो की दुकान पर बच्चों की भीड़ नजर आई।विभिन्न समाजों के द्वारा मेले में गर्मी को देखते हुए ठंडे पानी और शरबत व्यवस्था की गई।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। एसडीएम मासिंघाराम जांगिड़, डीएसपी जेठूसिंह करनोत और थाना अधिकारी किशनाराम बिश्नोई की देखरेख में पुलिस और आरएसी के जवान तैनात रहे। हर गैर के साथ सुरक्षाकर्मी मौजूद थे और मेले में विशेष पुलिस चौकी भी स्थापित की गई।

श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं
श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए थे। स्वच्छ पेयजल, चिकित्सा सहायता और विश्राम स्थल जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। सुरक्षा के दृष्टिकोण से मेले के प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए और पुलिस बल की विशेष तैनाती की गई। मेला क्षेत्र में वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। वाहन पार्किंग के लिए अलग स्थान निर्धारित किए गए थे, जिससे यातायात सुचारू रूप से संचालित हो सके।
गैर नृत्य बना मुख्य आकर्षण
मेले में राजस्थानी गैर नृत्य विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। कलाकारों ने ढोल और थाली की थाप पर मनमोहक प्रस्तुतियां दीं, जिससे मेला स्थल पर सांस्कृतिक उत्साह चरम पर रहा। गुलाल उड़ाते गैर नर्तकों ने वातावरण को रंगीन बना दिया।
बच्चों और व्यापारियों में उत्साह
मेले में बच्चों के लिए झूले, खिलौनों और मनपसंद व्यंजनों की भरमार रही। अलग-अलग स्टॉलों पर राजस्थानी व्यंजन, चूडिय़ां, पारंपरिक आभूषण और अन्य वस्तुएं उपलब्ध थीं, जिससे व्यापारी वर्ग भी खासा उत्साहित नजर आया।

धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक विरासत का संगम
शीतला सप्तमी मेला न केवल श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाता है। यह मेला क्षेत्रवासियों के लिए एक बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जहां सभी लोग धार्मिक और सामाजिक रूप से एकजुट होते हैं।
इस बार का शीतला सप्तमी मेला भी श्रद्धालुओं के लिए यादगार साबित हुआ, जहां भक्ति, उत्सव और संस्कृति का अनोखा संगम देखने को मिला।
