जमीन, हवा और पानी में चलने वाले हाइब्रिड वाहन का प्रोटोटाइप बनाया
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर के शोधकर्ताओं ने
जोधपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर के शोधकर्ताओं ने एक हाइब्रिड, मानव रहित, हवा और पानी के नीचे चलने वाले वाहन के लिए एक मजबूत नियंत्रण प्रणाली और डिजाइन विकसित किया है । हाइब्रिड वाहन जो जमीन और पानी दोनों पर चल सकते हैं, समुद्र तटों, नदियों में तेल रिसाव का मानचित्रण करने, या पानी के नीचे कटाव और प्रदूषण फैलाव जैसे कार्यों के लिए आवश्यक हैं । इन वाहनों को चलाने वाली एक सुदृढ़ गणितीय प्रणाली विकसित करके, यह शोध उन्हें अधिक सक्षम और कुशल बनाने में मदद करेगा, और लाइफगार्ड बचाव प्रयासों और यहां तक कि पानी के नीचे और हवाई फोटोग्राफी जैसे उनके कार्यों पर बेहतर ढंग से लागू होगा ।
टीम ने इस प्रणाली को पक्षी एन्हिंगास की एक प्रजाति से प्रेरणा लेकर विकसित किया है जो जमीन और पानी के नीचे दोनों पर चलने में सक्षम है । इसके आधार पर, अनुसंधान टीम ने विभिन्न घटकों और वॉटरप्रूफिंग से बना एक 3डी-मुद्रित प्रोटोटाइप (3D Printed Prototype) बनाया है । रिमोट कंट्रोल (RC) ट्रांसमिशन का उपयोग करके हवाई, पानी की सतह और पानी के नीचे पैंतरेबाज़ी (Maneuvering) के लिए प्रोटोटाइप का परीक्षण किया गया है ।
इस कार्य पर प्रकाश डालने वाला पेपर भा.प्रौ.सं. जोधपुर के प्रोफेसर जयंत कुमार मोहंता और उनके शोधार्थी श्री जय खत्री, भा.प्रौ.सं. कानपुर के प्रोफेसर संदीप गुप्ता और भा.प्रौ.सं. पलक्कड़ के प्रोफेसर संतकुमार मोहन द्वारा लिखा गया था और इसे AIR ’23: रोबोटिक्स में प्रगति पर 2023 का छठा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया था । (डीओआई: https://doi.org/10.1145/3610419.3610463 )
प्रोफेसर जयंत कुमार मोहंता, सहायक प्रोफेसर, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, भा.प्रौ.सं. जोधपुर, बताते हैं, “ यह प्रोटोटाइप सतह पर एक जहाज की तरह चल सकता है, हवा में उड़ सकता है और पानी में डूबे होने पर भी नेविगेट कर सकता है । इसकी उड़ान का समय 15 मिनट है और यह 8 घंटे तक पानी के भीतर रह सकता है । पिछले कुछ वर्षों में इस विषय में रुचि बढ़ रही है लेकिन यह तकनीक फिलहाल अमेरिका और चीन जैसे बहुत कम देशों के पास है । हम अपना स्वदेशी उत्पाद विकसित करना चाहते थे ।”
अब तक भा.प्रौ.सं. जोधपुर टीम द्वारा प्रस्तावित एल्गोरिदम वाला यह प्रोटोटाइप अनिश्चितता के संदर्भ में पानी और हवा के बीच सुचारू संक्रमण के लिए छह पैंतरेबाज़ीयां करने में सक्षम है । ये पैंतरेबाज़ीयां हैं: (1) हवा से पानी के अंदर गोता लगाना, (2) पानी के अंदर से हवा में उड़ान भरना, (3) हवा से पानी की सतह पर उतरना, (4) पानी की सतह से पानी के अंदर गोता लगाना, (5) पानी के अंदर से सतह पर उतरना, और (6) पानी की सतह से उड़ान भरना।
सामान्य तौर पर, प्रणाली (System) के गणितीय मॉडल और वास्तविक प्रणाली (System) के बीच कुछ अंतर होते हैं । नियंत्रक को प्रणाली (System) के मापदंडों में इन अनिश्चितताओं को संभालना चाहिए, जिस पर शोधकर्ताओं ने काम किया है ।
इस तंत्र के स्थायित्व पर चर्चा करते हुए, भा.प्रौ.सं. जोधपुर के प्रो. जयंत कुमार मोहंता कहते हैं, “यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह लड़खड़ाए / डगमगाएं नहीं, शोधकर्ताओं ने एक मजबूत बैकस्टेपिंग नियंत्रण का प्रस्ताव दिया ताकि रोबोट बाधाओं और गड़बड़ी के बावजूद भी स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ सके, और स्थिरता सुनिश्चित कर सके । परीक्षणों से पता चलता है कि यह बैकस्टेपिंग नियंत्रण अनिश्चितता के समय में और भी बेहतर प्रदर्शन करता है, जिससे यह एक शक्तिशाली रूप से निर्मित संरचना बन जाती है ।
रोबोट का स्वायत्त रूप से काम करना एक बड़ा काम है और इसलिए, इसके लिए टीम ने गणितीय मॉडलिंग और सिमुलेशन अभ्यास किया है । जटिलता को ध्यान में रखते हुए, प्रोटोटाइप में क्वाडरोटर कॉन्फ़िगरेशन (Quadrotor configuration), चार रोटर्स वाला एक प्रकार का हेलीकॉप्टर माना जाता है । इसकी ऊपरी परत, हवा में घूमने के लिए जिम्मेदार होगी, जबकि एक्वा प्रोपेलर (Aqua propeller) से सुसज्जित क्वाडरोटर की निचली परत पानी के भीतर आवाजाही / संचलन के लिए जिम्मेदार होगी ।
अब तक, ये परीक्षण सिमुलेशन के रूप में किए गए हैं लेकिन टीम को उम्मीद है कि इस उत्पाद को आउटडोर परीक्षण के लिए प्रयोग में लाया जाएगा । वे पानी में अधिक उत्प्लावन (More buoyant) कार्यों के साथ एक अंतिम प्रोटोटाइप बनाने की योजना बना रहे हैं, ताकि इसे धीरे-धीरे वास्तविक दुनिया के वातावरण में पेश किया जा सके ।
Video Link – https://drive.google.com/drive/folders/1XYnNsWrevnwguzt6CcUUHZLFDYwzdJd_