दीजिए दान जीवन में मिलेगा स्थाई परिणाम: संत चंद्रप्रभ
जोधपुर। संत चंद्रप्रभ महाराज ने कहा कि रोज दान करें जिससे जीवन में स्थाई परिणाम मिलेंगे। याद रखें, दुनिया में कुछ लोग देकर राजी होते हैं कुछ लोग लेकर। कुछ खाकर खुश होते हैं कुछ खिलाकर। जो खाकर राजी होते हैं वे मुफ्त की जिंदगी जीते हैं, पर जो खिलाकर खुश होते हैं वे मूल्यवान जीवन के मालिक होते हैं। तीर्थंकरों ने वर्षीदान देकर, दधीचि ने अस्थिदान देकर, कर्ण ने अमर कवच देकर और भामाशाह ने अपना सर्वस्व दान कर हमारे सामने यह आदर्श स्थापित किया है कि हमारे जीवन में भी दान देने का संस्कार अवश्य होना चाहिए। संतप्रवर संबोधि धाम में आयोजित आर्ट ऑफ लाइफ प्रोग्राम में शहरवासियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि कभी किसी पिंजरे में कैद कबूतर को आसमान में उड़ाकर देखें, कत्लखाने में कटने जा रहे पशु को जीवन-दान देकर देखें, उन बेजुबानों की दुआएं आपके बिगड़े कामों को संवारने में आपकी अवश्य मदद करेंगी। घर या दुकान पर आए याचक को भिखारी समझकर दुत्कारिए मत। वह 2 रुपए के बदले में 2 लाख की शिक्षा देकर जाता है। उन्होंने कहा कि नसीब, किस्मत या लक का निर्माण दान और समर्पण से ही होता है। जितना दोगे वह बीज बोने का काम करेगा। जितना बोओगे, सुखों की फसल उतनी ही गुना लौटकर आएगी। हर व्यक्ति को अपनी कमाई का कम-से-कम 2 प्रतिशत भाग जरूरतमंदों के लिए जरूर लगाना चाहिए, तभी हमारे अर्जित धन की शुद्धि हो पाएगी। इससे पूर्व संतप्रवर ने साधकों को मानसिक शांति और ऊर्जा जागरण के लिए संबोधि ध्यान का प्रयोग करवाया। मुनि शांतिप्रिय सागर ने सामूहिक प्रार्थना करवाते हुए योगासन के 12 चरणों का प्रशिक्षण दिया। संयोजक उम्मेद सिंह भंसाली ने गुरुजनों और शहर वासियों को आभार समर्पित किया।