मोदी जी के नेतृत्‍व में भारत का विकास दुनिया के लिए अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण : शेखावत

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने कहा, पिछले 10 वर्षों में पानी के क्षेत्र में भारत ने सबसे अधिक निवेश किया

आजादी के 72 वर्षों की यात्रा के मुकाबले पिछले चार वर्ष के कालखंड में हुआ 3.5 गुना अधिक काम

नई दिल्‍ली। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्‍द्र सिंह शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी जी के नेतृत्‍व में भारत का विकास दुनिया के लिए अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण है, क्‍योंकि भारत यूनाइटेड नेशन द्वारा तय किए गए सस्‍टेनेबल डेवलेपमेंट लक्ष्‍यों की पूर्ति के लिए एक बहुत बड़े आपूर्तिकर्ता देश के रूप में उभर रहा है। शेखावत ने कहा कि हम सब जिस तरह भारत को बदलते हुए देख रहे हैं, पूरा विश्‍व भी इसे देख और महसूस कर रहा है।

बुधवार को अपने आवास पर आयोजित प्रेसवार्ता में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि भारत पिछले 10 वर्षों में पानी के क्षेत्र में सबसे अधिक निवेश करने वाला देश है। भारत ने लगभग 250 यूएस बिलियन डॉलर के बराबर निवेश पानी के विभिन्‍न स्‍पेक्‍ट्रम में किया है, चाहे इसमें सिंचाई हो, नदियों का शुद्धीकरण हो, पेयजल हो या फिर भूगर्भ के जल का पुर्नभरण हो।

शेखावत ने कहा कि आजादी से लेकर के 2019 तक केवल 16 प्रतिशत से थोड़ा अधिक घरों में ही नल से पीने का पानी मुहैया हो रहा था, लेकिन 2019 में जब प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने जल जीवन मिशन की घोषणा की, तब से इस क्षेत्र में क्रांति आई है।

पिछले चार वर्षों में हुआ 3.5 गुना अधिक काम
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आजादी के 72 वर्षों के दौरान पानी के क्षेत्र में जो काम हुआ, उससे 3.5 गुना अधिक काम पिछले चार वर्षों के कालखंड में हुआ। आजादी के 72 साल की यात्रा पूरी करने के बाद भी देश में 19 करोड़ 40 लाख घरों में से केवल 3 करोड़ 23 लाख घरों तक ही नल से पीने का पानी पहुंच रहा था, लेकिन आज 74 फीसदी घरों में नल से पीने का पानी पहुंचने लगा है, यानी 14 करोड़ 50 लाख घरों तक पीने का पानी नल के माध्‍यम से पहुंच रहा है। उन्‍होंने कहा कि हमें पिछले चार वर्षों के कालखंड में 11 करोड़ 25 लाख घरों तक नल से पीने का पानी पहुंचाने में सफलता मिली है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आजादी के 72 वर्षों में जिस गति से काम हुआ, अगर उसी गति से काम होता रहता तो हम अगले 100 वर्षों तक भी इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाते।

चिन्ह्रित परियोजनाओं में 60 परियोजनाएं पूरी
शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी जी ने जल की महत्‍ता को समझा। जहां पानी को लेकर टुकड़ों-टुकड़ों में काम होता था, उसे उन्‍होंने एकीककृत करते हुए जलशक्ति मंत्रालय का गठन किया, जिसके बाद सरकार ने पानी के विभिन्‍न परिपेक्ष्‍य पर काम किया। उन्‍होंने कहा कि वाटर डिटेंशन स्‍टोरेज कैपेसिटी को बढ़ाने के लिए सिंचाई योजना के तहत, जो परियोनाएं लंबे समय लंबित थीं, उससे अधिक परियोजनाओं को हमने चिन्ह्रित किया, जिनमें से लगभग 60 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं।

70 हजार अमृत सरोवर पूरे और 30 हजार निर्माणाधीन
केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा कि जल संचयन के मद्देनजर देश में अब तक 70 हजार अमृत सरोवरों का निर्माण हो चुका है, जबकि 30 हजार अमृत सरोवर निर्माणाधीन हैं। भूगर्भ जल को लेकर भी काफी अधिक प्रयास किए गए हैं, क्‍योंकि भारत दुनिया में सबसे अधिक भूगर्भ जल का उपयोग करने वाला देश है। भूगर्भ जल संचयन के लिए प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर अटल भूजल योजना से लेकर राज्‍यों और कॉरपोरेट सेक्‍टर को निवेश के लिए प्रोत्‍साहित करने के साथ ही सामान्‍य जन के लिए इसे चर्चा और चिंता का विषय बनाने में जलशक्ति अभियान की महत्‍वपूर्ण भूमिका रही है। नरेगा के निवेश को इसके लिए सुकेंद्रित करने के चलते भूगर्भ जल के संचयन को लेकर देश में एक बेहतर मार्ग प्रशस्‍त हुआ है।

नदियों के शुद्धीकरण के लिए हो रहे अभूतपूर्व कार्य
शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्‍व में नदियों के शुद्धीकरण के लिए शुरू किए गए नमामि गंगे मिशन के माध्‍यम से नदियों के रिस्‍टोरेशन के लिए जो इंनिसिएटिव लिए गए हैं, यूनाईटेड नेशन ने इस दशक को डिकेड ऑफ रिस्‍टोरेशन मानते हुए अपने आकलन में नमामि गंगे मिशन को टॉप-10 इनिसिएटिव में शामिल किया है, जो अपने-आप में इस क्षेत्र में किए गए अभूतपूर्व कार्य को दर्शाता है। इसके अतिरिक्‍त ग्‍लेशियर स्‍टेपलाइजेशन से लेकर वेटलैंड कंजरवेशन के क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों के कालखंड में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। हालांकि, शेखावत ने सप्‍लाई और डिमांड साइड में सुधार की आवश्‍यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि सिंचाई के पानी की प्रोडेक्टिविटी बढ़ाने के लिए भी सरकार महत्‍वपूर्ण कदम उठा रही है। इन सब प्रयासों के बावजूद भी आबादी बढ़ने, क्‍लाइमेट चेंज और बढ़ते औधोगिकीकरण से लेकर कई समस्‍याओं की वजह से हमारी पानी की मांग बढ़ने वाली है, लेकिन हम जिस दिशा और गति के साथ काम कर रहे हैं, उसकी वजह से हम भारत को सदियों तक पानी की आवश्‍यकता के मामले में स्‍टेनेबल बनाए रख सकते हैं।

नेशनल प्रेस्‍पेटिव प्‍लान के तहत किए 30 लिंक आइडेंटिफाई
शेखावत ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेशनल प्रेस्‍पेटिव प्‍लान विजन के तहत 30 लिंक आइडेंटिफाई किए गए थे, जिसमें सप्‍लस बेसिन पर पानी ट्रांसफर किया जा सके। उन्‍होंने कहा कि हमने उसमें 15 से ज्‍यादा डीपीआर बनाई हैं और सभी 30 लिंक की प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाई गई है। जिन राज्‍यों के बीच में समझौता हुआ था, उन्‍होंने डीपीआर साझा की थी। एमपी और यूपी में केन-बेतवा परियोजना का सपना साकार होने जा रहा है और राजस्‍थान और मध्‍यप्रदेश के बीच पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना और इसके साथ-साथ ईआरसीपी के एकीकृत के लिए भी एमओयू साइन हुआ है। लगभग ऐसी ही पांच परियोजनाएं हैं, जो परिपक्‍वता की कगार पर हैं। उन्‍होंने कहा कि केन-बेतवा नदियों को जोड़ने का जो समझौता दोनों राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों के बीच प्रधानमंत्री जी की उपस्थिति में हुआ था। वह केवल दो नदियों को जोड़ने का काम नहीं था, बल्कि देश में एक नए युग का सूत्रपात था, क्‍योंकि  इसके बाद अन्‍य राज्‍यों की सोच में भी परिवर्तन आएगा, जिससे परियोजनाओं को धरातल पर उतारने में मदद मिलेगी।  

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